कुछ लोग खामोश रहकर बहुत कुछ बोल देते हैं हर राज आंखों से खोल देते है
वह चाहती है उसकी जुल्फों में हर वक्त गुजारे एक क्षण कि जुदाई बर्दाश्त नहीं कर पाती है समझाता हूं मजबूरियां हैं सब्र करना ही होगा
वह चाहती है उसकी जुल्फों में हर वक्त गुजारे एक क्षण कि जुदाई बर्दाश्त नहीं कर पाती है समझाता हूं मजबूरियां हैं सब्र करना ही होगा